Adam Gondvi Ki Ghazal/Ghazalen : Muqtkaami chetna abyurthna Ithihaash ki
मुक्तिकामी चेतना अभ्यर्थना इतिहास की
यह समझदारों की दुनिया है विरोधाभास की
आप कहते हैं इसे जिस देश का स्वर्णिम अतीत
वो कहानी है महज़ प्रतिरोध की ,संत्रास की
यक्ष प्रश्नों में उलझ कर रह गई बूढ़ी सदी
ये परीक्षा की घड़ी है क्या हमारे व्यास की?
इस व्यवस्था ने नई पीढ़ी को आखिर क्या दिया
सेक्स की रंगीनियाँ या गोलियाँ सल्फ़ास की
याद रखिये यूँ नहीं ढलते हैं कविता में विचार
होता है परिपाक धीमी आँच पर एहसास की.
News Topic : adam gondvi ki kavita, asghar gondvi shayari, ghazal shayari, Ghazals of Adam gondvi, hindi gazal, Hindi Ghazal of Adam Gondvi, hindi kavita, hindi poem, hindi shayari, love shayari, Poem Of Adam Gondvi, shayari, अदम गोंडवी की फेमस गजल, अदम गोंडवी की हिंदी गजल, कविता, ग़ज़ल शायरी, ग़ज़ल हिंदी, गजल हिन्दी मे, गजलें और शायरी, शायरी, हिंदी कविता, हिंदी ग़ज़ल, हिन्दी गजल गाने
Web Title:Adam Gondvi Ki Ghazal/Ghazalen : Muqtkaami chetna abyurthna Ithihaash ki