गाजियाबाद, 04 मार्च (एजेंसी)। पुलिस ने आभूषण की दुकानों में चोरी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय चोर गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह के सदस्य हवाई जहाज से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर वारदात करते थे और चोरी का माल मेरठ और नेपाल में ले जाकर बेचा करते थे। गिरोह की सरगना एक महिला है। पुलिस ने फिलहाल गिरोह की सरगना समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं बाकी आरोपियों की पहचान होने के साथ ही दबिश तेज कर दी गई है।
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. ईरज राजा और पुलिस अधीक्षक नगर (द्वितीय) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इस गिरोह का खुलासा किया। एसपी देहात ने बताया कि इस गिरोह की जानकारी नौ फरवरी को मोदीनगर में और 26 फरवरी को साहिबाबाद स्थित आभूषण कारोबारियों की दुकानों में हुई चोरी से हुई। पुलिस ने जब दोनों दुकानों के सीसीटीवी देखे तो पता चला कि एक ही गिरोह ने दोनों वारदातों को अंजाम दिया है।
कैमरे में इनकी गाड़ी भी चिन्हित हो गई। इसके बाद पुलिस ने इलेक्ट्रानिक और मैन्यूअल सर्विलांस का इस्तेमाल करते हुए चारो आरोपियों को धर दबोचा है। इनकी पहचान पसौंडा के रहने वाले इंतजार, सिधरावली बागपत के रहने वाले जाहिद, खतौली मुजफ्फर नगर के रहने वाले समीर और मूल रूप मुजफ्फर नगर की ही रहने वाली एक महिला के रूप में हुआ है। यह महिला समीर की भाभी है और फिलहाल लिसाड़ी गेट मेरठ में रह रही थी। इस गिरोह में महिला के पति समेत अभी एक दर्जन से अधिक सदस्य फरार है। इनमें मेरठ के कुछ आभूषण कारोबारी भी शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक नगर (द्वितीय) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी करीब पांच साल पहले मुंबई से जेल जा चुके हैं। इसके अलावा इनके खिलाफ हरियाणा में यमुनानगर, पंजाब में जालंधर, यूपी में मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, मुजफ्फर नगर, कर्नाटका में बंगलुरु, तेलंगाना के आधा दर्जन से अधिक जिलों के अलावा राजस्थान के कई जिलों में वारदात की पुष्टि हुई है।
पुलिस अधीक्षक देहात ईरज राजा ने बताया कि गिरोह की मुखिया के ईशारे पर उसका पति तनवीर हवाई जहाज से बड़े बड़े शहरों में जाता था और वारदात के लिए लोकल टीम बनाता था। फिर उसी टीम की मदद से वह अपना टार्गेट चुनकर विधिवत रैकी करता था। वारदात करने के बाद आरोपी वहीं आसपास में ही कहीं छिप जाते थे। इसके बाद गिरोह की मुखिया हवाई जहाज या राजधानी एक्सप्रेस से पहुंचती थी और चोरी का सारा माल समेट कर वापस आ जाती थी। वहीं गिरोह के बाकी सदस्य अलग अलग अलग हाई स्पीड ट्रेनों से अपने अपने ठिकाने पर चले जाते थे।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि चोरी का माल काफी हद तक मेरठ के तीन चार आभूषण कारोबारियों के पास बिक जाता था। कई बार वह नेपाल भी ले जाकर मेल बेचते थे। माल बिकने के बाद जो भी धनराशि हाथ में आती थी उसने में से 25 फीसदी हिस्सा गिरोह के बाकी सदस्यों को दिया जाता था। वहीं बाकी रकम मुखिया अपने पास रख लेती थी।
पुलिस ने बताया कि प्रत्येक वारदात में आरोपियों की संख्या उतनी ही होती थी, जितना एक गाड़ी में बैठ सकें। आरोपी वारदात के लिए अपनी गाड़ी का इस्तेमाल करते थे। लेकिन वारदात पर निकलने से पहले उसका नंबर प्लेट बदल देते थे। मोदीनगर और साहिबाबाद की वारदात में इस्तेमाल हुई गाड़ी भी पुलिस ने बरामद किया है। यह गाड़ी में पकड़े गए आरोपियों में से एक की है।
Web Title:Ghaziabad Crime News: एसपी देहात ने बताया कि इस गिरोह की जानकारी नौ फरवरी को मोदीनगर में और 26 फरवरी को साहिबाबाद स्थित आभूषण कारोबारियों की दुकानों में हुई चोरी से हुई। पुलिस ने जब दोनों दुकानों के सीसीटीवी देखे तो पता चला कि एक ही गिरोह ने दोनों वारदातों को अंजाम दिया है।