गाजियाबाद, 01 मार्च (एजेंसी)। नगर निगम की ओर से अगले एक साल में शहर के विकास का खाका खींच लिया गया है। इसमें होने वाले खर्च का बजट तीन मार्च को नगर निगम में कार्यकारिणी की बैठक में मूल बजट के अंदर पेश किया जाएगा।
कार्यकारिणी की बैठक से पहले पार्षदों का कहना है कि पिछले कई साल से जो बजट तैयार किया जा रहा है, उस पर मंथन नहीं किया जाता है। पुराने बजट के आधार पर नया बजट तैयार कर दिया जाता है। इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए। बजट ऐसा बनाया जाए, जिससे कि सही आंकड़े सभी पार्षद और जनता के सामने आएं।
एक-एक रुपये का उसमें हिसाब हो। नगर निगम पर किसकी कितनी देनदारी है और नगर निगम कि किससे कितनी लेनदारी है, यह स्पष्ट होना चाहिए। ऐसा हुआ तो शहर में विकास कार्य योजना के अनुरूप कराए जा सकेंगे। कार्यकारिणी के बाद टैक्स के मुद्दे पर होगी बैठक
नगर निगम में कार्यकारिणी की बैठक के बाद शहर में टैक्स लागू करने की नई पॉलिसी के मुद्दे पर भी बैठक का आयोजन प्रस्तावित है। इसमें तय किया जाएगा कि नई पॉलिसी लागू की जाएगी या नहीं। हालांकि इस मुद्दे पर ज्यादातर पार्षद एक राय हैं और सब इस पॉलिसी के विरोध में हैं। परिचर्चा पिछले तीन साल से जो मूल बजट पेश किया जा रहा है। वह हकीकत से कोसों दूर रहता है, इसलिए इस साल बजट पेश करने से पहले पार्षदों की बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उनसे चर्चा करने के बाद मूल बजट पेश किया जाना चाहिए था।
-मनोज चौधरी, पार्षद महानगर के लोगों पर टैक्स का बोझ न बढ़ाया जाए। जो कॉमर्शियल भवन टैक्स से छूटे हैं, उनको टैक्स के दायरे में लाया जाना चाहिए। विज्ञापन की पॉलिसी आज भी उतनी मजबूत नहीं है, जितनी होनी चाहिए। इस कारण करोड़ों रुपये की क्षति होती है। विज्ञापन पॉलिसी मजबूत की जानी चाहिए।
-राजीव शर्मा, पार्षद तीन मार्च को कार्यकारिणी की बैठक होगी। बजट में नगर निगम की आय बढ़ाने और जनता पर ज्यादा बोझ न पड़े, इसका ध्यान रखा जाएगा।
-आशा शर्मा, महापौर।
Web Title:Ghaziabad Nagar nigam tax : पार्षदों का कहना है कि पिछले कई साल से जो बजट तैयार किया जा रहा है, उस पर मंथन नहीं किया जाता है। पुराने बजट के आधार पर नया बजट तैयार कर दिया जाता है। इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए। बजट ऐसा बनाया जाए, जिससे कि सही आंकड़े सभी पार्षद और जनता के सामने आएं। एक-एक रुपये का उसमें हिसाब हो।