Interesting Facts about Rose in Hindi
गुलाब (Rose) के इत्र का आविष्कार नूरजहां ने किया था
गुलाब (Rose) का फूल कोमलता और सुंदरता के लिये प्रसिद्ध है, इसी से लोग छोटे बच्चों की उपमा गुलाब के फूल (Rose flower) से देते हैं। गुलाब के इत्र (Rose scent) का आविष्कार नूरजहाँ ने किया था। ऐसा कहा जाता है कि गुलाब का इत्र (Rose scent) नूरजहाँ ने 1612 ईसवी में अपने विवाह के अवसर पर निकाला था। पौधों की बनावट, ऊँचाई, फूलों के आकार आदि के आधार पर गुलाब (Rose) को निम्नलिखित पाँच वर्गों में बाँटा गया है:-
- हाइब्रिड टी,
- फ्लोरीबण्डा,
- पॉलिएन्था,
- मिनीएचर,
- लता गुलाब
भारत के कई राज्यों में होती है गुलाब की खेती (Rose Farming)
भारत में उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) के एटा, कानपुर, गाजीपुर, बलिया और राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) और चित्तौड़ और जम्मू कश्मीर में हिमाचल और अन्य राज्यों में भी गुलाब की खेती (Rose Farming) होती है। गुलाब की पंखुडियों और शक्कर से गुलकन्द (Gulkand) बनाया जाता है। गुलाब के फूल मंदिरों, मंडपों एवं पूजा स्थलों में ज्यादा प्रयोग होते हैं और ये आर्थिक लाभ का साधन माना जाता है। गुलाब जल और गुलाब इत्र के कुटीर उद्योग चलते है। गुलाब जल आंखों में डालने से इससे आंखों की थकावट दूर हो जाती है ।
भारतीय साहित्य में गुलाब (Rose) के अनेक नाम
भारतीय साहित्य में गुलाब के अनेक संस्कृत पर्याय हैं जैसे गुलाब पाटल, तरूणी, ‘शतपत्री’, ‘कार्णिका’, ‘चारुकेशर’, ‘लाक्षा’ और गन्धाढ्य आदि। गुलाब के फूल को फारसी में गुलाब कहा जाता है और अंग्रेजी में बंगला में गोलाप, तमिल में और तेलुगु में गुलाबि है। अरबी में गुलाब ‘वर्दे’ अहमर है। राजस्थान प्रदेश की राजधानी जयपुर को गुलाबी नगर कहा जाता है। शिव पुराण में गुलाब को देव पुष्प कहा गया है। ये रंग बिरंगे नाम गुलाब के वैविध्य गुणों को इंगित करते हैं। प्रत्येक वर्ष 7 फरवरी को गुलाब दिवस मनाया जाता है।
कई प्रकार की बीमारी में भी काम आता है गुलाब का फल (Health Benefits of Rose in hindi)
- गुलाब का फूल (Rose Flower) देखने में जितना सुंदर और दिलकश होता है, उतना ही उपयोगी यह हमारे शरीर के लिए भी है। वजन घटाने से लेकर दिल की बीमारी के इलाज तक में गुलाब काफी प्रभावी है।
- गुलाब के फूल की पंखुड़ियां और उससे बने गुलकंद में कई रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। गुलाब के फल में और भी पौष्टिक तत्व जैसे फ्लेवोनॉइड्स, बायोफ्लवोनॉइड्स, साइट्रिक ऐसिड, फ्रक्टोज, मैलिक एसिड, टैनिन और जिंक की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
- गुलाब दिल से जुड़ी कई बीमारियों में उपयोगी होता है। अर्जुन के पेड़ की छाल को गुलाब की पंखुड़ियों के साथ उबालकर काढ़ा बना लें। यह काढ़ा दिन में आधा कप पिएं। इसको पीने से दिल से जुड़ी बीमारियां दूर भागती हैं। लेकिन अगर आपको दिल की कोई गंभीर बीमारी है तो बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई नुस्खा ना अपनाएं।
- गुलाब में प्राकृतिक रूप से विटमिन सी पाया जाता है जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है। जोड़ों या हड्डियों के दर्द से परेशान लोग अगर हर दिन गुलकंद खाएं तो उन्हें इस दर्द में राहत मिलेगी।
- गुलाब के फूल की पंखुड़ियों से बने गुलाब जल से कब्ज जैसी बीमारियों से राहत मिलती है। ये खून को साफ कर दिमाग को शांत करता है। इसके अलावा ये चिकन पॉक्स होने पर भी काफी राहत देता है।
- गर्मियों में डिहाइड्रेशन की समस्या आम बात है। ऐसे में गर्मियों में गुलकंद खाने से शरीर में ताजगी आती है और पानी की कमी भी दूर होती है। हर रोज गुलकंद खाने से शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।
सौ से अधिक प्रजाति के होते हैं गुलाब (Rose)
गुलाब (Rose) का वैज्ञानिक नाम रोज़ा (Rosa) है किन्तु अलग-अलग प्रजातियों के अनुसार नाम भिन्न-भिन्न हैं। गुलाब एक झाड़ीदार, कंटीला, पुष्पीय पौधा है जिसमें बहुत अच्छे सुगंधदार फूल होते हैं। गुलाब की 100 से भी अधिक जातियां हैं, जिसमें सबसे अच्छे गुलाब एशिया के माने जाते हैं। जबकि कुछ जातियों के मूल प्रदेश यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका भी हैं।
काले और हरे रंग के भी होते हैं गुलाब (Rose)
गुलाब के फूल कई रंगों के होते हैं, लाल (कई तरह के हल्के एवं गहरे) पीले, सफेद इत्यादि। सफेद फूल के गुलाब को कहते हैं। कहीं कहीं हरे और काले रंग के भी गुलाब के फूल होते हैं। ऋतु के अनुसार गुलाब के दो भेद भारतवर्ष में माने जाते हैं- सदागुलाब और चैती। सदागुलाब प्रत्येक ऋतु में फूलता है और चैती गुलाब केवल बसंत ऋतु में। चैती गुलाब में विशेष सुगंध होती है और वही इत्र और दवा के काम का समझा जाता है।
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