Low Sperm Count : These dangerous diseases are caused by lack of sperm, know in detail
शुक्राणु की कमी सिर्फ बांझपन तक सीमित नहीं
शुक्राणु यानी स्पर्म की कमी की समस्या सिर्फ बांझपन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पुरुषों में दूसरी गंभीर बीमारी का जोखिम भी बढ़ा सकता है। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, पुरुषों में स्पर्म की कमी उनके स्वास्थ्य और बांझपन के संकेतक के रूप में देखा जाता है। उसका मूल्यांकन उन्हें स्वास्थ्य आंकलन और बीमारियों से निवारण का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
जीवन की गुणवत्ता बिगाड़ सकती है शुक्राणु की कमी
इटली के ब्रेशिया विश्वविद्यालय में असोसिएट प्रफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक अल्बर्टो फेरलिन ने कहा, ‘हमारा अध्ययन स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पुरुषों में स्पर्म की कमी मेटाबॉलिक परिवर्तन, हृदय जोखिम और हड्डी के द्रव्यमान में कमी से जुड़ा हुआ है। ऐसे पुरुषों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और जोखिम पहले से होते हैं, जो जीवन की गुणवत्ता को बिगाड़ सकते हैं और उनकी जिंदगी को कम कर सकते हैं।’
शुक्राणु की कमी देती है बहुत सी गंभीर बीमारियों के संकेत
एंडोक्राइन सोसाइटी की 100वीं वार्षिक बैठक में प्रस्तुत अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने निःसंतान दंपतियों के 5 हजार 177 पुरुषों पर यह अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन में शामिल कुल पुरुषों की आधी संख्या में स्पर्म की संख्या कम थी और सामान्य स्पर्म की तुलना में पुरुषों के शरीर में 1.2 गुना अधिक वसा, उच्च रक्तचाप, बैड कलेस्ट्रॉल और गुड कलेस्ट्राल कम होने की संभावना थी।
मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना को बढ़ाती है शुक्राणु की कमी
शोधकर्ताओं ने कहा कि ऐसे पुरुषों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम की उच्च तीव्रता भी पायी गई जो इस तरह के अन्य मेटाबॉलिक जोखिम कारक मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना को बढ़ाते हैं। शोधकर्ताओं ने स्पर्म की कमी वाले पुरुषों में हाइपोगोनेडिज्म का जोखिम और लो टेस्टोस्टेरॉन का स्तर 12 फीसदी बढ़ जाता है। लो टेस्टोस्टेरॉन वाले आधे से ज्यादा पुरुषों में हड्डी के द्रव्यमान में कमी भी पाई गई।
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