गाजियाबाद 24 फरवरी (एजेंसी) समाजवादी पार्टी के कार्यालयपर आज बाबा गाडगे की 145 वी जयंती पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने की। राशिद मलिक ने कहा कि संत गाडगे बाबा के जीवन का एकमात्र ध्येय लोक सेवा था। दीन.दुखियों तथा उपेक्षितों की सेवा को ही वे ईश्वर भक्ति मानते थे। धार्मिक आडंबरों का उन्होंने प्रखर विरोध किया। उनका विश्वास था कि ईश्वर न तो तीर्थस्थानों में है और न मंदिरों व मूर्तियों में है। दरिद्र नारायण के रूप में ईश्वर मानव समाज में विद्यमान है। मनुष्य को चाहिए कि वह इस भगवान को पहचाने और उसकी तन.मन.धन से सेवा करें। भूखों को भोजन, प्यासे को पानी, नंगे को वस्त्र, अनपढ़ को शिक्षा, बेकार को काम, निराश को ढाढस और मूक जीवों को अभय प्रदान करना ही भगवान की सच्ची सेवा है।
सन् 1905 से 1917 तक वे अज्ञातवास पर रहे। इसी बीच उन्होंने जीवन को बहुत नजदीक से देखा। अंधविश्वासों, बाह्य आडंबरों, रूढ़ियों तथा सामाजिक कुरीतियों एवं दुर्व्यसनों से समाज को कितनी भयंकर हानि हो सकती है, इसका उन्हें भलीभांति अनुभव हुआ। इसी कारण इनका उन्होंने घोर विरोध किया। संत गाडगे द्वारा स्थापित गाडगे महाराज मिशनश् आज भी समाज सेवा में रत है। रमेश चंद यादव एडवोकेट पूर्व जिला अध्यक्ष अधिवक्ता सभा, ताहिर हुसैन, बाबू सिंह आर्य, वीरेंद्र यादव जिला महासचिव, सौदान सिंह गुर्जर, मनोज पंडित, वीरेंद्र, अंजू बाल्मीकि, किरण कालियाए, अंजू वैद्य, दीपक शर्मा, सुनील शर्मा, रविंदर सिंह, कमलेश शिल्पी, प्रदीप पाठक कादिर सारा, आशु अब्बासी, देवव्रत धामा आदि भी मौजूद थे।