पेंशन कोषों से ‘पारदर्शी’ स्टूवर्डशिप संहिता का अनुपालन करने को कहा
नई दिल्ली, 06 अप्रैल (एजेंसी)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड(SEBI) (सेबी) ने संस्थागत निवेशकों मसलन बैंकों, बीमा कंपनियों(Insurance companies) और पेंशन कोषों(Pension funds) से ‘पारदर्शी’ स्टूवर्डशिप संहिता का अनुपालन करने को कहा है। इससे ग्राहकों और लाभार्थियों के प्रति उनकी पूरी जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी।सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा मंगलवार को कॉरपोरेट गवर्नेंस पर आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि निदेशक मंडल में यदि कोई ऐसा अवांछित फैसला लिया जा रहा, जो सभी अंशधारकों के हित में नहीं है, तो संस्थागत निवेशकों को उसका विरोध करने की ताकत बनना चाहिए।
म्यूचुअल फंड और सभी श्रेणियों के एआईएफ के लिए स्टूवर्डशिप संहिता तय
स्टूवर्डशिप संहिता सिद्धान्त आधारित रूपरेखा है। इससे संस्थागत निवेशकों को अपने दायित्वों को पूरा करने में मदद मिलती है, जिससे वे ग्राहकों और लाभार्थियों का संरक्षण करने के अलावा उनके लिए मूल्यवर्धन कर सकते हैं। सेबी ने दिसंबर, 2020 में म्यूचुअल फंड और सभी श्रेणियों के वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) के लिए स्टूवर्डशिप संहिता तय की थी। यह संहिता एक जुलाई, 2020 से लागू हुई है। पारदर्शिता को और बेहतर करने के लिए सेबी ने हाल में म्यूचुअल फंड इकाइयों के लिए कुछ विशेष मामलों में कंपनी के प्रस्तावों के संदर्भ में मतदान को अनिवार्य कर दिया है।
ग्राहकों/लाभार्थियों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित कर सकें
त्यागी ने कहा, ‘‘मैं अन्य सभी संस्थागत भागीदारों मसलन बैंकों, बीमा कंपनियों तथा पेंशन कोषों से कहूंगा कि वे पारदर्शी स्टूवर्डशिप संहिता का अनुपालन करें जिससे अपने ग्राहकों/लाभार्थियों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित कर सकें।’’
News Topic : SEBI, Insurance companies, Pension funds
Web Title:SEBI asks institutional investors to comply with transparent 'stewardship' code