Saturn in First House in birthchart
शनि ग्रह (Shani Grah) का नाम सुनकर आमतौर पर सभी लोग डर जाते हैं। लोगों को लगता है कि शनि ग्रह व्यक्ति को परेशान ही करते होंगे। लेकिन हम खासरपट डॉट काम (Khashrapat.com) में आपके लिए लाए हैं शनिदेव के कुंडली (Shani Grah In Birthchart) के पहले भाव में होने पर जातक को किस प्रकार के फल देते हैं।
Shani in First House में होने पर जातक को देते हैं मेहनत का फल
किसी भी जातक की कुंडली में शनि ( Saturn) विशेष स्थान रखते हैं। वैदिक ज्योतिष में माना जाता है कि शनि ग्रह (Saturn ) जातक से कठिन से कठिन कार्य करवाते हैं। शनि ग्रह जहां जातक को उसकी मेहनत के अनुरूप परिणाम देते हैं, वही उसके बुरे कर्मों के लिए उचित दंड भी देते हैं। इसलिए शनिग्रह को कर्म फल दोता कहा जाता है।
Shani in 1st house जिन जातकों की कुंडली में शनि पहले भाव में होते हैं वे मेहनती होते हैं
जिन भी जातकों की कुंडली के प्रथम भाव (Shani in 1st house) में शनि विराजमान होते हैं ऐसे जातक कड़ी मेहनत करने वाले और अपने काम के प्रति बहुत ईमानदार होते हैं तो इन्हें किसी भी प्रकार से डरने की आवश्यकता जीवन में नहीं रहती। शनिदेव प्रथम स्थान (Shani Pahale Ghar main) में विराजमान होने पर जातक को राजाओं जैसा जीवन भी प्रदान करते हैं।
खासरपट डॉट कॉम में पढ़िए शनि के कुंडली के अन्य भावों में फल
(Shani) Saturn in Third House In birthchart in Hindi : जन्मकुंडली के तृ्तीय भाव में स्थित शनि का फल
(Shani) Saturn in Fourth House In Birthchart in Hindi : जन्मकुंडली के चौथे भाव में शनि का फल
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