बड़की भौजी : कैलाश गौतम
जब देखो तब बड़की भौजी हँसती रहती है हँसती रहती है कामों में फँसती रहती है । झरझर झरझर हँसी होंठ पर झरती रहती है घर का खाली कोना भौजी ...
जब देखो तब बड़की भौजी हँसती रहती है हँसती रहती है कामों में फँसती रहती है । झरझर झरझर हँसी होंठ पर झरती रहती है घर का खाली कोना भौजी ...
भक्ति के रंग में रंगल गाँव देखा, धरम में, करम में, सनल गाँव देखा. अगल में, बगल में सगल गाँव देखा, अमौसा नहाये चलल गाँव देखा. एहू हाथे झोरा, ओहू ...
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